1850 की सदी के अंतिम दौर में रेलवे लाइन बिछाए जाने के बाद खिरकिया अस्तित्व में आया। खिरकिया में लोगों के आने का मुख्य कारण पास के गोलपुरा गाँव में महामारी का फैलना और इंदिरा सागर बाँध का निर्माण था। खिरकिया नगर पंचायत का निर्माण वर्ष 1982 में हुआ था और इसे वर्ष 2010-2011 में इसे नगर परिषद में बदल दिया गया। वर्तमान में खिरकिया नगर में 15 वार्ड हैं। कॉटन प्रेसिंग और गिनिंग यहाँ का पहले मुख्य व्यवसाय था लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं है क्योंकि सोयाबीन ने इस क्षेत्र में मुख्य कृषि फसल के रूप में कपास की जगह ले ली है। खिरकिया से गुप्तेश्वर मंदिर 10 किमी की दूरी पर स्थित है।
खिरकिया तीसरी श्रेणी का नगर है और यह मध्य प्रदेश के दक्षिणी पश्चिमी हिस्से में और 22°9’53’’ N देशांतर और 76°51’57’’E अक्षांश के बीच में स्थित है। खिरकिया, खिरकिया रेलवे स्टेशन के इर्दगिर्द विकसित एक पुराना नगर है। खिरकिया इटारसी-खंडवा-भुसावल को जोड़ने वाली पश्चिमी मध्य रेलवे की ब्रॉड गेज लाइन पर और हरदा और खंडवा को जोड़ने वाले राज्य राजमार्ग (SH-15) के किनारे स्थित है। राज्य राजमार्ग (SH-15) और एक अन्य प्रमुख जिला सड़क (MDR) के जंक्शन यानी संगम के पास छिपावड नगर पंचायत का विकास हो रहा है जो कि खिरकिया नगर परिषद का एक हिस्सा है। खिरकिया SH-15 द्वारा उत्तर पूर्व में स्थित जिला मुख्यालय हरदा से जुड़ा हुआ है।
खिरकिया नगर परिषद का कुल क्षेत्रफल लगभग 9.17 किमी है और शहरीकृत क्षेत्र का क्षेत्रफल लगभग 2.86 किमी है। यह नगर वर्तमान में 15 वार्डों में बंटा हुआ है।
हरदा जिला 998.41 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा में फैला है तथा नर्मदापुरम मंडल का एक भाग है। यह 21°53’ - 22°36’ देशान्तर और 76°47’- 77°20’ आक्षांश पर स्थित है। यह समुद्र की सतह से 302 मीटर की उंचाई पर है। यह मुख्य रूप से एक आदिवासी क्षेत्र है, जहाँ कोरकू और गोंडा आदिवासी समूह कुल जनसंख्या का दो तिहाई भाग है।
हरदा जिला के उत्तर में सिहोर जिला, उत्तरपूर्व में होशंगाबाद, दक्षिणपूर्व में बैतूल, दक्षिण - पश्चिम में खंडवा और उत्तर पश्चिम में देवास जिला स्थित है। हरदा नर्मदा नदी घाटी में स्थित है, और नर्मदा जिले के उत्तरी सीमा का निर्माण करती है। सतपुड़ा की श्रृंखला जिले के दक्षिणी सीमा का निर्माण करती है।
हरदा जिला राज्य की राज्यधानी भोपाल से सड़क और रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और इससे लगभग 168 किलोमीटर दूर है। सभी तीनों प्रखंडों के मुख्यालय अर्थात हरदा, खिरकिया, और टिमरनी सड़क और रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुडे हुए हैं।
हरदा एक नवगठित जिला है इसका निर्माण होशंगाबाद जिले को विभाजित कर वर्ष 1998 में किया गया। यह तहसीलों हरदा, खिरकिया, और टिमरनी में विभाजित है।
हरदा जिला तीन प्रमुख नदियों नर्मदा, गंजल और माचक द्वारा सिंचित है।